527. ईश्वर के ठेके उठें (कुंडलिया)
ईश्वर के ठेके उठें, ईश्वर का पेटेंट।
अलग-अलग कैटेगरी, अलग-अलग पेमेंट।
अलग-अलग पेमेंट, वीआईपी पंक्ति अलग है।
अंधभक्ति से ग्रस्त, त्रस्त बौराया जग है।
चरणपादुका, यंत्र, मूर्ति बिकते हरि-हर के।
अरबों की लुटपाट, करें दल्ले ईश्वर के।
जिधर देखिए उधर, उठें ठेके ईश्वर के।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
22.02.2918
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