Friday, February 23, 2018

527. ईश्वर के ठेके उठें (कुण्डलिया)

527. ईश्वर के ठेके उठें (कुंडलिया)

ईश्वर    के    ठेके    उठें,    ईश्वर    का   पेटेंट।
अलग-अलग  कैटेगरी,  अलग-अलग   पेमेंट।
अलग-अलग पेमेंट, वीआईपी पंक्ति अलग है।
अंधभक्ति   से  ग्रस्त,  त्रस्त   बौराया  जग  है।
चरणपादुका, यंत्र,  मूर्ति  बिकते  हरि-हर  के।
अरबों   की   लुटपाट,  करें   दल्ले   ईश्वर  के।
जिधर   देखिए   उधर,  उठें   ठेके   ईश्वर  के।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
22.02.2918
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