Monday, March 18, 2019

729. सोच समझकर बात कर (कुंडलिया)

729. सोच समझकर बात कर (कुंडलिया)

सोच समझकर  बात  कर, है चुनाव का वक्त।
पता नहीं किस बात पर, भड़क जाँय ये भक्त।
भड़क जाँय  ये  भक्त, कर  उठें   मारा  मारी।
किस  पल  ले-ले  प्राण, भीड़  इनकी हत्यारी।
धो   डालेंगे   मित्र,  तुझे   ये   रगड़-रगड़कर।
साथी कर  हर बात, यहाँ पर सोच समझकर।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.03.2019
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