होली के पर्व पर थाली में सजे रंगों ने जब कामिनी के तन-वदन पर नजर डाली, तब उनकी जो हालत हुई, उस पर एक कुंडलिया छंद।
732. पीले नीले चम्पई (कुंडलिया)
पीले, नीले, चम्पई, हरे, गुलाबी, लाल।
फूलों ने गोरी लखी, हुए सभी बेहाल।
हुए सभी बेहाल, नूर हर मुख का उतरा।
रंग-रूप-लावण्य, देख तन सुथरा-सुथरा।
मुँह लटकाए पड़े, गात हैं ढीले - ढीले।
सब के सब गमगीन, हुए सब पीले-पीले।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
24.03.2019
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