Saturday, March 23, 2019

730. रहने दे प्रिय छेड़ मत (कुंडलिया)

730. रहने दे प्रिय छेड़ मत (कुंडलिया)

रहने  दे  प्रिय  छेड़  मत, दबे  हुए  जज़्बात।
कैसे सबके  सामने, कह  दूँ  दिल  की बात।
कह दूँ  दिल  की बात, प्रियतमा  ऐसे  कैसे।
जिसको रखा  छुपाय, सीप  में  मोती  जैसे।
हिय को  अपना दर्द, स्वयं हिय से  कहने दे।
दबे  हुए  जज़्बात, छेड़  मत  प्रिय  रहने दे।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
23.03.2019
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