Saturday, June 10, 2017

357. हत्याओं का दौर है (कुण्डलिया)

357. कुण्डलिया छंद

हत्याओं  का  दौर   है,  राष्ट्रवाद  का  शोर।
धर्मजाति के  नाम पर,  मारकाट  चहुँओर।
मारकाट  चहुँओर, करन  की  है  आजादी।
मजलूमों  की जान,  ले  रही खाकी-खादी।
को  है  जिम्मेदार, गाँव  की  इन आहों का।
किस दिन होगा बंद, दौर यह हत्याओं का।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
09.06.2017
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