357. कुण्डलिया छंद
हत्याओं का दौर है, राष्ट्रवाद का शोर।
धर्मजाति के नाम पर, मारकाट चहुँओर।
मारकाट चहुँओर, करन की है आजादी।
मजलूमों की जान, ले रही खाकी-खादी।
को है जिम्मेदार, गाँव की इन आहों का।
किस दिन होगा बंद, दौर यह हत्याओं का।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
09.06.2017
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