Friday, March 25, 2016

237. राधा-मुख पर कृष्ण ने (कुण्डलिया)

कुण्डलिया छंद

राधा-मुख पर कृष्ण ने, जिस क्षण मला गुलाल।
गौरवर्ण   की   राधिका,  हुई   लाज   से  लाल।
हुई  लाज   से  लाल,   लगे   पत्थर  की  मूरत।
किंकर्तव्यविमूढ़,  लखे   कान्हा     की    सूरत।
आधे तन  में  श्याम, लगे तन  ख़ुद  का  आधा।
यह  कैसा   संबंध,   सोचती    मन    में   राधा।।

रणवीर सिंह (अनुपम)
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