दस गुरु
गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर।
पहली गुरु माँ होत है, दूजा गुरु है बाप।
तीजा गुरु, गुरु होत है, चौथा मेल-मिलाप।
गुरू पाँचवीं पुस्तकें, छठवीं धरणी मात।
नील गगन गुरु सातवाँ, साथ रहे दिन-रात।
बाधाएं गुरु आठवीं, नौवाँ गुरु विश्वास।
अनुभव है दसवाँ गुरू, सदा रहे जो पास।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
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पहली गुरु माँ होत है, दूजा गुरु है बाप।
तीजा गुरु, गुरु होत है, चौथा मेल-मिलाप।
चौथा मेल-मिलाप, धरणि है गुरू पाँचवीं।
छठवाँ गुरु आकाश, पुस्तकें गुरू सातवीं।
बाधाएं गुरु आठ, और विश्वास है नौवाँ।
सदा रहे जो पास, गुरू अनुभव है दसवाँ।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
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