Sunday, April 03, 2016

238. सब यहाँ फूलें-फलें (मुक्तक)

सब  यहाँ   फूलें-फलें,  प्रभु  से  यही  है  कामना।
प्रेम,  करुणा, त्याग  से,  परिपूर्ण  हो  हर भावना।
व्याधि से हो मुक्त प्राणी, हर किसी का ख्याल हो।
शांति हो चहुँदिश धरा पर, ये जगत  खुशहाल हो।

रणवीर सिंह "अनुपम"
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