Sunday, April 17, 2016

240. इस कदर आप  मुझको (मुक्तक)

मापनी-212  212  212  212
(स्रग्विणी स्रग्विणी स्रग्विणी स्रग्विणी)

इस कदर आप  मुझको न तड़फाइये।
आज  की शाम को, अब चले आइये।
तोड़कर  दिल   हमारा  मिलेगा  क्या?
बात  इतनी  सी' मुझको बता जाइये।।

रणवीर सिंह "अनुपम"
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