Sunday, June 17, 2018

571. बाबाओं की गैंग है (कुण्डलिया)

571. बाबाओं की गैंग है (कुण्डलिया)

बाबाओं  की   गैंग  है,  बाबाओं  की  फौज।
सुरा-सुंदरी   संग   में,   रोज   उड़ावें   मौज।
रोज  उड़ावें  मौज, धूर्त   ढोंगी   व्यभिचारी।
लूटपाट  व्यवसाय, हाथ  इन  पर  सरकारी।
राजनीत पर पकड़, दिखे इन आकाओं की।
जिधर  देखिये  उधर,  गैंग  है  बाबाओं की।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
17.06.2018
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