Saturday, June 16, 2018

568. नमन उन्हें है जो (मुक्तक)

568. नमन उन्हें है जो (मुक्तक)

नमन उन्हें है जो जख्मों को स्वयं सीते हैं।
नमन उन्हें है जो चुपचाप  जहर  पीते  हैं।
नमन उन्हें है जो जीवन से भागते हैं नहीं।
नमन उन्हें है जो मर-मर के  रोज जीते हैं।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
16.06.2018
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