Saturday, June 09, 2018

559.अजीब हाल है (मुक्तक)

559. अजीब हाल है (मुक्तक)

अजीब हाल है  बदले सभी के  ढंग यहाँ।
गली के  संग में दिल भी हुए हैं तंग यहाँ।
यहाँ तो  राह के पत्थर भी  पुते धर्मों  से।
कहीं  हरा  तो  कहीं  गेरुआ है  रंग यहाँ।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
09.06.2018
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