Sunday, November 19, 2017

448. पिंड छुड़ाओ भूख से (कुण्डलिया)

448. पिंड छुड़ाओ भूख से (कुण्डलिया)

पिंड  छुड़ाओ  भूख  से,  पानी  कर  दो  बंद।
भूख भूलकर  प्यास पर,  करने दो  अब द्वंद।
करने दो  अब  द्वंद, अन्य  मसलों  में  झोंको।
इससे बने  न  बात,  साँस फिर  इनकी रोको।
तब भी  करें  विरोध, आस्था  को  ले  आओ।
रोटी,  पानी,  हवा,  दवा,  से   पिंड  छुड़ाओ।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
19.11.2017
*****
पिंड - पीछा

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.