Thursday, August 22, 2019

830. जब से है चालू किया (कुंडलिया)

830. जब से है चालू किया (कुंडलिया)

जब  से  है चालू किया, गौशाला व्यवसाय।
तब से  हे प्रभु! हो रही, रोज  दोगुनी आय।
रोज  दोगुनी  आय, मजे  में  हूँ  मैं  स्वामी।
हुए  सभी  दुख  दूर, दूर अब  हर नाकामी।
ऐसा  ही  व्यवसाय, ढूँढ़ता था मैं  कब  से।
घर भर में आनंद, मिली  गौशाला  जब से।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
22.08.2019
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