Saturday, August 03, 2019

819. दो दोहे क्या लिख लिए (कुंडलिया)

819. दो दोहे क्या लिख लिए (कुंडलिया)

दो  दोहे क्या लिख लिए, बनते सूर-कबीर।
तुक्का  कभी  चलात हैं, कभी चलाएं तीर।
कभी चलाएं तीर, एक  पटना इक  दिल्ली।
कभी  ऊँट   के  संग, बाँध  देते  हैं  बिल्ली।
कथ्य-तथ्य बेजान, काफिया भी नहिं सोहे।
मूँछे  ऐंठत  फिरें,  लिखे  जब  से  दो  दोहे।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
03.07.2019
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