Sunday, August 11, 2019

825. झरकटियों की वंदना (कुंडलिया)

825. झरकटियों की वंदना (कुंडलिया)

झरकटियों  की  वंदना, करो  रोकता कौन।
पर कीकर  होता नहीं, शीशम या  सागौन।
शीशम  या  सागौन, फला करते दशकों में।
सबको है मालूम, भरा क्या  इन मश्कों  में।
क्यों झूठी जयकार, कर रहे हो घटियों की।
पीपल  होकर  करो, वंदना झरकटियों की।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
08.08.2019
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