Sunday, August 11, 2019

826. गधे पँजीरी खा रहे (कुंडलिया)

826. गधे पँजीरी खा रहे (कुंडलिया)

गधे  पँजीरी खा  रहे,  घोड़ों  को  नहिं  घास।
चवनप्राश उनको मिले, जो हैं  खासमखास।
जो हैं खासमखास, उन्हें सब सुख सुविधाएं।
ढेंचूँ   -   ढेंचूँ    करें,   गर्दभी    राग   सुनाएं।
जो-जो  घोड़े   यहाँ, देह   सबकी   है  पीरी।
रामराज्य   चहुँओर, खा  रहे   गधे   पँजीरी।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
11.08.2019
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