Saturday, September 30, 2017

421. कइयों रावण जल चुके (कुण्डलिया)

421. कइयों रावण जल चुके (कुण्डलिया)

कइयों रावण  जल चुके,  आये कइयों राम।
राम नाम  के नाम पर, करते कुत्सित काम।
करते कुत्सित काम,  धर्म  को  नोचें  खाएं।
कभी स्वयं को कृष्ण, कभी  श्रीराम  बताएं।
बनकर   धर्माधीश,  लूटते  लाज  दुशासण।
धर्मगुरू  का  भेष,  धरे  हैं  कइयों   रावण।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
30.09.2017
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कइयों - कई।

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