Friday, September 08, 2017

410. झुमका नथनी से कहे (कुण्डलिया)

410. झुमका नथनी से कहे (कुण्डलिया)

झुमका  नथनी  से  कहे,  काहे  दिखे  उदास।
तेरी - मेरी   एक  गति,  एक   हमारी   प्यास।
एक   हमारी   प्यास,   एक  है  शोक  हमारा।
एक  विरह,  संताप,  एक   का   हमें  सहारा।
जो  है  मुझको  रोग,  लगा  है वो  ही तुमका।
फिर क्यों होय अधीर, कहे नथनी से झुमका।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
07.09.2017
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