Thursday, May 25, 2017

351. माँझी खुद ही ढो रहा (कुण्डलिया)

दिनाँक 25.08.2016 को अख़बारों में उड़ीसा राज्य की छपी एक घटना पर एक पुरानी रचना।

कुण्डलिया छंद

माँझी खुद ही ढो रहा, निज पत्नी की लाश।
मानहुँ  शिव निज भामिनी, ले जाएं कैलाश।
ले   जाएं   कैलाश,  सो   रहीं   हैं   सरकारें।
मुर्दों का  हक़  खाय,  एक नहिं  बार डकारें।
सिंहासन  ने  करी,  गरीबी  कब  है   साँझी।
दुर्दिन को  हैं  ढोत,  देश  में   लाखों  माँझी।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
25.08.2016
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ढोत - ढो रहे
साँझी - हिस्सेदारी

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