कुण्डलिया छंद
बेटा मरता फ़ौज में, घर में मरता बाप।
दंगों में पब्लिक मरे, सरकारें चुपचाप।
सरकारें चुपचाप, उदंडों का जयकारा।
भूखे मरें किसान, कौन इनका हत्यारा।
नेता का परिवार, मजे कोठी में करता।
सरहद पर तैनात, रोज इक बेटा मरता।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
09.05.2017
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