कुण्डलिया छंद
नेताओं पर किस तरह, करूँ भरोसा मित्र।
चतुर बहुरिया की तरह, इनका दिखे चरित्र।
इनका दिखे चरित्र, काम जो कुछ ना करती।
दिन भर बर्तन पटक-पटक चौका में धरती।
हर दिन करें स्वांग, गली में चौराहों पर।
किस विधि हो विश्वास, दोमुँहें नेताओं पर।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
20.05.2017
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