Saturday, May 06, 2017

337. आवाज क़त्ल कर सके (मुक्तक)

एक मुक्तक

आवाज क़त्ल कर सके  शमशीर नहीं है।
इतनी बुरी तो हिन्द की  तक़दीर  नहीं है।
इस देश को हर कौम ने सींचा है खूँन से।
भारत किसी के  बाप की जागीर नहीं है।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
06.05.2017
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