Sunday, April 30, 2017

336. भारत में मजदूर ही (कुण्डलिया)

कुण्डलिया

भारत  में  मजदूर  ही, क्यों  इतना मजबूर।
मुख  से  रोटी  दूर  है, काम   हाथ  से  दूर।
काम हाथ  से  दूर  दिखे  मुख पर लाचारी।
नगर होय  या गाँव  सब जगह  ये  बीमारी।
महल सदा ही रहे  झोपड़ी के  हक़  मारत।
यही असल  तस्वीर यही  है असली भारत।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
30.04.2017
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