Thursday, February 14, 2019

706. अपने कर्मों से (कुंडलिया)

706. अपने कर्मों से (कुंडलिया)

अपने  कर्मों  से   बने, राजा  रंक   फकीर।
कर्महीन  इंसान की, कब  सँवरी  तकदीर।
कब सँवरी तकदीर, आलसी कामचोर की।
कर्मवीर  हर  रात, प्रतीक्षा  करे  भोर  की।
बनता  कौन  महान, भला  जातों-धर्मों से।
राजा   हो   या  रंक, बने  अपने  कर्मों  से।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
14.02.2019
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