715. देश स्वच्छ हो स्वच्छ तन (कुंडलिया)
देश स्वच्छ हो, स्वच्छ तन, लें ऐसा संकल्प।
स्वच्छ आचरण कर्म का, कोई नहीं विकल्प।
कोई नहीं विकल्प, रखें हम स्वच्छ भावना।
सुंदरतम हो सृष्टि, ईश से यही कामना।
केरल या कश्मीर, असम गुजरात कच्छ हो।
नदियाँ नाले नहर, सभी सँग देश स्वच्छ हो।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
26.02.2019
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