Tuesday, February 26, 2019

714. .देशभक्ति अब देश में (कुंडलिया)

714. .देशभक्ति अब देश में (कुंडलिया)

देशभक्ति  अब   देश  में, बनी   दुधारू  गाय।
नेता   दुहने   में  लगे, जो  जितना  दुइ  पाय।
जो जितना दुइ पाय,नाम लूँ किसका किसका
दूध दही  घी मूत्र, सभी कुछ  बिकता इसका।
दोहन, संग्रह, भोग, बन गयी  है  प्रवृत्ति अब।
बनी  दुधारू  गाय,  देश  में   देशभक्ति  अब।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
26.02.2019
*****

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.