Saturday, February 16, 2019

708. दुख है अरु आक्रोश भी (कुंडलिया)

दिनाँक 14.02.2019 को पुलवामा की आतंकी घटना में शहीद हुए जवानों को शत-शत नमन। प्रभु से प्रार्थना है कि वह उनके माता-पिता और परिवार के लोगों को इस विपत्ति की घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करे।

दुःख इस बात का तो है ही कि हमारे इतने सारे जवान शहीद हो गये है। लेकिन इससे भी ज्यादा दुःख और आक्रोश इस बात का है कि जो नहीं होना चाहिए वह बार-बार हो जाता है। हमारे सैनिक, बिना लड़े शहीद जाते हैं, हमारे कैम्पों पर हमला हो जाता है और हम इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को नहीं रोक पा रहे हैं। इसी पर एक कुंडलिया छंद।

708. दुख है अरु आक्रोश भी (कुंडलिया)

दुख है अरु आक्रोश भी, मन भी बहुत अधीर।
बिना  लड़े   ही  मर  गए, भारत  माँ  के  वीर।
भारत  माँ  के   वीर, मर  रहे   बार-बार  क्यों।
बार-बार  बच  जाँय, देश  में   गुनहगार  क्यों।
गाल बजाते  जौन, उन्हें  है हासिल  हर  सुख।
मरते  रोज  जवान, हृदय  में  है यह  ही  दुख।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
16.02.2019
*****
जाँय-जाते; जौन-जो

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.