कुण्डलिया
रोटी है मसला यहाँ, इसकी करिये बात।
मंदिर मस्जिद में हमें, काहे को उलझात।
काहे को उलझात, पेट नहिं इससे भरता।
उदर भरा हो तभी भजन पूजन भी करता।
भूख समस्या बड़ी, शेष बातें हैं छोटी।
भूखों का भगवान, सिर्फ होती है रोटी।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
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