Thursday, June 09, 2016

247. जिसकी खाली जेब है (कुण्डलिया)

कुण्डलिया

जिसकी  खाली  जेब  है, वह  जीवन बेकार।
टुकुर-टुकुर  हर  चीज को, देखे  बीच बजार।
देखे  बीच बजार,  मारकर  मन   रह  जाता।
कोसत, खीझत और, भाग्य पर  है झल्लाता।
'अनुपम'   बनो  समर्थ,  बुरी   होती कंगाली।
उसको  पूछे कौन, जेब  हो  जिसकी  खाली।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
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