कुण्डलिया
खाली बातों से नहीं, हो सकता कल्याण।
कब तक खाली पेट में, फूँकेंगी ये प्राण।
फूँकेंगी ये प्राण, जोश आएगा कब तक।
राष्टवाद, जयगान, कौन गायेगा कब तक।
धर्मों की जयकार, और नहिं होने वाली।
रोटी है भगवान, उदर जिनका है खाली।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
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