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मापनी - 2122 2122 2122 212
सिंहनी हो आचरण फिर, सिंहनी जैसा करो। हंसनी होकर के’ कागों, संग मत घूमा करो। आप अपनी आबरू का, मान करना सीखिये। झाड़ियों में इस तरह से, मत उठा-बैठा करो।
रणवीर सिंह (अनुपम) *****
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