जैसे-जैसे 2019 का चुनाव नजदीक आ रहा है, नई-नई खोजें होने लगीं हैं। इसी कड़ी में कल, 29.03.2018 को बाबा साहब डॉ. भीमराव के नाम में राम को खोजा गया। पर एक प्रश्न उठता है कि इन बुद्धिजीवी खोज कर्ताओं को इस खोज में इतने दशक क्यों लग गए।
आश्चर्य नहीं होगा जो कल नए नारे का अन्वेषण "जय श्रीराम" की जगह "जय भीम जय भारत जय श्रीराम" हो जाय। पर लाख टके का सवाल यह है कि क्या राम और भीमराव के आचरण से हम कुछ सीख सके।
आश्चर्य नहीं होगा जो कल नए नारे का अन्वेषण "जय श्रीराम" की जगह "जय भीम जय भारत जय श्रीराम" हो जाय। पर लाख टके का सवाल यह है कि क्या राम और भीमराव के आचरण से हम कुछ सीख सके।
542. भीमराव के नाम में (कुण्डलिया)
भीमराव के नाम में, ढूँढ़ लिए हैं राम।
भीम-राम पर आजकल, छिड़ा हुआ संग्राम।
छिड़ा हुआ संग्राम, लगें इनके जयकारे।
राजनीत को आज, दिखें ये तारनहारे।
गर्व-दर्प, सम्मान, बिके सब बिना भाव के।
चरणों में हैं पड़े, आज सब भीमराव के।
भीम-राम पर आजकल, छिड़ा हुआ संग्राम।
छिड़ा हुआ संग्राम, लगें इनके जयकारे।
राजनीत को आज, दिखें ये तारनहारे।
गर्व-दर्प, सम्मान, बिके सब बिना भाव के।
चरणों में हैं पड़े, आज सब भीमराव के।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
29.03.2018
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29.03.2018
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