15 अगस्त 2013 को आशाराम बाबा द्वारा शाहजहांपुर की एक 16 वर्षीय किशोरी के साथ किये गए दुष्कर्म में केस चला और उस पर इस केस में दिनाँक 25.04.2018 को जोधपुर के सेशन कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की कठोर सजा दी और उसके दो साथियों को 20-20 वर्ष की कठोर सजा दी। इस फैसले से जनता में एक नई आशा का संचार होगा और न्यायपालिका पर लोगों का विश्वास और बढ़ेगा।
मैं पीड़िता, उसके परिवार वालों, संबंधित गवाहों और पीड़िता के वकील के धैर्य और साहस को नमन करता हूँ, जो जानलेवा धमकियों और नाना प्रकार की प्रताड़नाओं के बाबजूद इस लड़ाई से पीछे नहीं हटे। इस न्याय के लिए कई गवाहों को अपनी जान भी देनी पड़ी, मैं उनको और उनके परिवार को नमन करता हूँ। पुलिस जाँच टीम के सभी सदस्य भी प्रशंसा के पात्र हैं जिन्होंने दिखा दिया कि देश में आज भी बहुत सारे काबिल और ईमानदार अफसर मौजूद हैं।
आसाराम जो अपने आप में एक सरकार से कम नहीं था, से इतने लंबे समय तक लड़ते रहना बहुत बड़ी बात है। यह हर किसी के वश की बात नहीं है। मैं संबंधित जज की निर्भयता को भी नमन करता हूँ।
543. बाबाओं से कब भला (कुण्डलिया)
बाबाओं से कब भला, बच पाया संसार।
इनकी किरपा से यहाँ, चलती है सरकार।
चलती है सरकार, मौज करते व्यभिचारी।
कामी, भोगी, नीच, दुष्ट ये अत्याचारी।
इनके हैं संबंध, मिनिस्टर आकाओं से।
को बच पाया भला, हिन्द में बाबाओं से।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
25.04.2018
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