Thursday, April 26, 2018

544. बाबाओं से दूर रह (कुण्डलिया)

544. बाबाओं से दूर रह (कुण्डलिया)

बाबाओं   से   दूर   रह,  ओ  भोले   इंसान।
ये  साधू  के   भेष  में,  ठग,  कामी, शैतान।
ठग, कामी, शैतान, दुष्ट, लोभी, व्यभिचारी।
अरबों  की  संपत्ति, हाथ  इन  पर सरकारी।
ज्ञान  चक्षु  को  खोल, दूर  रह  दावाओं से।
पगले  बचना  सीख,  कुकर्मी  बाबाओं  से।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
26.04.2018
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