जिस तरह से 2 दिन पूर्व त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बाद दिन दहाड़े गुंडों द्वारा बडोजर से लेनिन की मूर्ति को धराशायी करना, उसके बाद वहाँ के राज्यपाल का वक्तव्य, फिर तमिलनाडु में पेरियार और मेरठ में अम्बेडकर की मूर्तियाँ तोड़ा जाना, यह सब दिखाता है कुछ लोग यह दिखाना चाहते है कि वे कुछ भी कर सकते है उन्हें किसी प्रकार का डर नहीं, वे समाज में वैमनस्य फैलाते रहेंगे। ऐसा लगता है कि यह सब प्रायोजित किया जा रहा है। यह सिलसिला यहीं नहीं रुका और पश्चिम बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को भी क्षति पहुँचाई गयी। यह कुत्सित सोच देश के लिए घातक है इसे रोकने की जरूरत है। इस कृत्य और प्रवृत्ति की जितनी निंदा की जाय उतनी कम है।
536. कुत्सित सोच कुनीति के (कुण्डलिया)
कुत्सित सोच कुनीति के लेनिन हुए शिकार।
पेरियार अम्बेडकर, पर भी हुआ प्रहार।
पर भी हुआ प्रहार, किसी ने ना चेताया।
घायल श्यामा हुए, होश तब जाकर आया।
कुछ भी ना आश्चर्य, सभी कुछ है प्रायोजित।
ले डूबे ना देश, सोच यह घटिया कुत्सित।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
08.03.2018
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