Thursday, August 18, 2016

274. तूँ जहाँ भी हो बहन (मुक्तक)

गीतिका छंद -2122  2122  2122  212

तूँ  जहाँ भी  हो बहन, किरपा करें दामोदरा।
विघ्न  पथ  से  दूर  हों,  बाधा  हरें  लंबोदरा।
दूर  दुख  तुझसे  रहें, प्रभु  से  यही  प्रार्थना।
लाड़ली  तूँ  खुश रहे, मेरी  यही  है  कामना।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
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