597. मारा-मारा फिर रहा (कुण्डलिया)
मारा-मारा फिर रहा, गलियों बीच विकास।
कहता वो ही ले मरे, जिन पर था विश्वास।
जिन पर था विश्वास, घूमते माउंट आबू।
सुत डीजल - पेट्रौल, हुए मेरे बेकाबू।
इन दोनों की वजह, आज हो गया नकारा।
रो-रो कहे विकास, मुझे अपनों ने मारा।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
08.09.2018
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