Saturday, September 15, 2018

602. चोर कर्म से डरो

रक्ता छंद (वर्णिक)-2121212

602. चोर कर्म से डरो

चोर  कर्म   से  डरो।
कद्र वक्त  की  करो।
सूर्य  से  जला करो।
रोशनी  करा   करो।

जुल्म से झुको नहीं।
साथियो  रुको नहीं।
राष्ट्र    है   निहारता।
आप  को  पुकारता।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
15.08.2018
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