Saturday, September 22, 2018

606. भक्ति की शक्ति (मुक्तक)

606. भक्ति की शक्ति (मुक्तक)

हर-हरि के  चोले को ओढ़े, कामुकता यूँ  तल्लीन मिली।
इक-इक के सँग सौ बालाएं, तबियत इतनी रंगीन मिली।
प्रभु के घर में नहिं भेदभाव, सबको देते फल भक्ती का।
काहू को मिलती हनीप्रीत, तो काहू  को जसलीन मिली।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
22.09.2018
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