551. वो कहते वो बाँट रहे (मुक्तक)
वो कहते वो बाँट रहे हैं लोगों को।
वो कहते वो डाँट रहे हैं लोगों को।
हम कहते हैं तुम मौसेरे भाई हो।
दोनों मिलकर काट रहे हो लोगों को।
वो कहते वो डाँट रहे हैं लोगों को।
हम कहते हैं तुम मौसेरे भाई हो।
दोनों मिलकर काट रहे हो लोगों को।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.05.2018
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18.05.2018
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551. वो कहते वो बाँट रहे (मुक्तक)
वो कहते हैं कांग्रेस तो, बाँट रही है लोगों को।
कांग्रेस कहती बीजेपी, डाँट रही है लोगों को।
हम कहते हैं तुम सारे दल, मौसेरे भाई-भाई।
राजनीत धीरे-धीरे से, छाँट रही है लोगों को।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
18.05.2018
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