Sunday, May 12, 2019

767. जब नेताओं की भाषा यों (मुक्तक)

767. जब नेताओं की भाषा यों (मुक्तक)

जब  नेताओं  की  भाषा  यों, नीचे  को  गिरती जाएगी।
वीरों की लाशों पर चहुँदिश, जब राजनीत  की जाएगी।
बोलो  फिर  कैसे  भेजेंगी, सेना  में  माँएँ बच्चों को,
जिनके बेटों को मरने पर, हँस-हँस  गाली दी जाएगी।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
12.05.2019
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