766. माँग मुखौटों की चौतरफा (मुक्तक)
माँग मुखौटों की चौतरफा, दर्पण कौन भला अब लेगा।
जिसका बिकता झूठ धड़ाधड़, मेरा सत्य भला कब लेगा।
कलई जैहै उतर एक दिन, भेद मुलम्मा का भी खुलियै।
कंचन के फिर दिन आएंगे, देखेंगे वह क्या तब लेगा।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
05.05.2019
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