839. उनको केवल याद हैं (कुंडलिया)
अगर आज शहीदों की बात करें तो आज के तथाकथित देशभक्तों की जिव्या पर तीन-चार ही नाम दिखते हैं। जब स्वतंत्रता की लड़ाई में शहीद हुए कुछ वीर और वीरांगनाओं को ही याद किया जाएगा, तब उनकी सोच पर पक्षपात का प्रश्नचिन्ह तो लगेगा ही। इसी पर मेरी एक कुंडलिया छंद।
उनको केवल याद हैं, भगत सिंह आजाद।
और साल में एक दिन, कर लेते हैं याद।
कर लेते हैं याद, एक थी लक्ष्मीबाई।
किन्तु याद ना उन्हें, मरी झलकारीबाई।
भूले, सुंदर, उषा, कहूँ क्या इस अवगुन को।
नहीं मुंदरी याद, अजीजन याद न उनको।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
29.09.2019
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सुंदरबाई, मंदरबाई, मुंदरीबाई, ऊषाबाई, मोतीबाई, अजीजनबाई, ये सब वे वीरांगनाएं हैं जिन्होंने अपने अपने इलाके में अंग्रेजी सेना से लोहा लिया और वीरगति को प्राप्त हुईं। इन जैसी सैकड़ों वीरांगनाओं और वीरों के बलिदान को एक साजिश के तहत छुपाकर रखा गया ताकि चंद लोगों को महिमामंडित किया जा सके।
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