658. गरीबी भूख बेकारी (मुक्तक)
गरीबी भूख बेकारी के मसलों पर लिखे अब को।
सभी व्यापार में गाफ़िल तो फसलों पर लिखे अब को।
उदर खाली फटी बनियान ठिठुरें आसमां नीचे।
बुझे चूल्हे पतीली मौन तसलों पर लिखे अब को।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
15.12.2018
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