Sunday, December 09, 2018

657. भूख भय शिक्षा गरीबी (मुक्तक)

657. भूख भय शिक्षा गरीबी (मुक्तक)

भूख भय  शिक्षा  गरीबी, धर्म  के  सँग  बह  गये।
खत्म हर  मसला हुआ बस, गाय-मंदिर  रह गये।
आजकल  हनुमान जी  भी, हो गए शोषित दलित।
हम सभी से  सत्य यह, आदित्य  योगी  कह गये।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
09.12.2018
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