Sunday, October 07, 2018

615. "नो मतलब नो" (लेख)

615. नो मतलब नो (लेख)

कई जगह लिखा देखा है कि "नो मतलब नो"। पर समझ में नहीं आया कि आखिर यह है क्या? फिर किसी ने एक दिन बताया कि यह एक स्लोगन है जो नारियों को उनके अधिकार और सम्मान तथा उनके उत्पीड़न या शोषण के विरोध में उन्हें "न" कहने के लिए हौसला देने की वकालत करता है। इस स्लोगन से लोगों को यह संदेश दिए जाने की कोशिश की गई है कि अगर कोई महिला किसी बात पर "न" बोलती है तो इसका मतलब "न" होता है और कुछ नहीं। अर्थात पूर्ण विराम और इसके आगे उस विषय पर कोई बात नहीं।

बात तो बिल्कुल ठीक है कि "न" का मतलब "न" ही होता है। पर इतनी महत्वपूर्ण बात को इस तरह घुमा-फिराकर कहने की क्या जरूरत थी। ऐसे किलिष्ट नारों को बनाने में इतनी महीन कारीगरी से क्या फायदा, जिसका मतलब समझने के लिए व्याकरण का अध्य्यन करना पड़े। अरे भाई, मेरे हिसाब से नारा सीधा और सरल होना चाहिए ताकि आम आदमी उसका संदेश समझ सके। जैसे "एक नारी, सौ पर भारी"।।

जहाँ तक इस स्लोगन की बात है, मैं हमेशा से यह समझता आया हूँ कि "न" का मतलब "न" होता है चाहे वह "न" किसी स्त्री का हो या पुरुष का। लेकिन इतनी सीधी और सरल बात को समझाने लिए इस नारे को गढ़ने का क्या औचित्य? ऐसा लगता है कि कुछ जगह, क्षेत्र या समाज ऐसे भी हैं जहाँ "न" का मतलब "हाँ" होता है।

यहाँ एक बात विचारणीय है अगर "न" का  मतलब "न" है तो फिर यह क्यों कहा जाता हैं कि कैसी भी परिस्थिति हो संवाद नहीं रुकना  चाहिए, यह हर हाल में जारी रहना चाहिए। मैंने तो यह भी सुना है कि हर समस्या का समाधान संवाद से ही मुमकिन है और व्यक्तियों के रिस्तों के बीच जमी बर्फ को पिघलाने के लिए संवाद जरूरी है।

जहाँ तक मेरी बात है तो मेरी बीबी तो हर रोज दिन में तीन-चार बार "न" बोल देती है। ऐसे में क्या मैं इसे अंतिम सत्य मान लिया करूँ या बातचीत के जरिए रिस्तों के बीच जम रही बर्फ को पिघलाने की कोशिश किया करूँ। जब से यह स्लोगन पढ़ा, तब से असमंजस पड़ा हूँ। समझ में नहीं आ रहा कि "नो" सही है या "यस" सही है।

सच कुछ भी हो पर एक बात जरूर समझ में आ गयी कि कुछ सरफिरे लोग बैठे-ठाले बेसिर-पैर के स्लोगन इस समाज में इस उम्मीद से उछालते रहते हैं कि पता नहीं कब कौन सिरफिरा उनके किस स्लोगन को पकड़ ले और वह विश्व पटल पर चर्चित हो जाए। तरस आता है लोगों के ऐसे बौद्धिक स्तर पर जिन्हें "न" का मतलब ऐसे समझना और समझाना पड़ रहा है।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
08.10.2018
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