Sunday, July 31, 2016

268. मिला तुम सबका (श्रृंगार छंद)

श्रृंगार छंद

मिला तुम सबका  इतना  प्यार।
सभी का है मुझ पर  अधिकार।
साधना   करिये    रचिये    छंद।
पीजिये  कविता   का   मकरंद।

बहन सरिता, ममता  का  साथ।
शीश पर अनुभा  जी  का  हाथ।
समर्पित   यहाँ   प्रिय   अवधेश।
वहाँ "अनुपम" को  कौन क्लेश।

रणवीर सिंह 'अनुपम'

Saturday, July 16, 2016

265. मेघ भरी काली रातों में (गीत)

गीत

मेघ भरी काली रातों में,
अनजाना सा पहरा होता।
व्योम ताकते इन नयनों में,
अक्सर ख्वाब सुनहरा होता।।

आँखें मूँद, भूलना चाहूँ, 
फिर क्यों नींद नहीं आती।
करवट बदल-बदलकर यों ही,
रोज रात कटती जाती।

बेकल विरह वेदना से ये,
अंतर तपता सहरा होता।। 1

ख्वावों के उपवन में आकर,
कलिका बन खिल जाती है।
जब ये स्वप्न सुंदरी मुझको,
सपनों में मिल जाती है।

रात दिवाली हो जाती है,
अगला दिवस दशहरा होता।। 2

क्यों मीरा को विष मिलता है,
मजनूँ को पत्थर मिलते।
शीरी औ फरहाद सदा क्यों,
विरह वेदना में जलते।

प्रेम मार्ग क्यों इतना दुष्कर,
क्यों जग गूंगा-बहरा होता।। 3

मर्म भरी अनुराग की' बातें,
अनुरागी ही जान सके।
मुल्ला-पंडित धर्म के' ज्ञाता,
इसको कब पहिचान सके।

प्रेम में' सब कुछ सह जाता जो,
वो सागर से गहरा होता।। 4

रणवीर सिंह (अनुपम)
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Saturday, July 09, 2016

261. दिवाना मैं हुआ जब से (विधाता छंद)

दिवाना मैं  हुआ जब से, मुझे दुनियाँ न भाती  है।
हमारे  साँस  की  सरगम,  तुम्हारे  गीत  गाती  है।
कहाँ हो तुम प्रिये मेरी, मिलो इक बार तो आकर।
तुम्हारे  बिन कलम मेरी, मुझी  सी रूठ  जाती है।

रणवीर सिंह (अनुपम)
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Friday, July 08, 2016

260. जलाकर प्रेम का दीपक (मुक्तक)

विधाता छंद

विधाताजी  विधाताजी, विधाताजी विधाताजी
1222        1222,      1222       1222

जलाकर प्रेम का दीपक, बुझाओ मत इसे ऐसे।
बसाकर गैर को दिल में, सताओ मत मुझे ऐसे।
भुलाओगे  अगर   ऐसे,  हँसी  होगी  ज़माने में।
बनी जल्दी बिगड़ जाती, लगें सदियाँ बनाने में।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
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Saturday, July 02, 2016

259. बन्दर पकड़न हेतु जब (कुण्डलिया)

बंदर पकड़न हेतु जब, निकला इक फरमान।
गधी,  गधे  से  यूँ  कहे, भाग  चलो  श्रीमान।
भाग  चलो श्रीमान,  सुरक्षित  गलि-कूची में।
दर्ज  न  कर  दें  नाम,  कहीं  बंदर  सूची  में।
उम्र   गुजर   जायेगी,   सारी जेल  के अंदर।
साबित नहिं  कर सकें, गधे हैं  या हम बंदर।

रणवीर सिंह 'अनुपम'
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