बंदर पाकर उस्तरा, काटेगें निज नाक।
झूठ कहावत ये हुयी, बन्दर हैं चालाक।
बन्दर हैं चालाक, काटते हैं अब जेबें।
दिखा उस्तरा हमें, हमारा सब ले लेबें।
होकर के हुशियार, बन गये आज कलंदर।
कैसे रहे नचाय, देश को शातिर बंदर।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
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