848. इधर की बात होती है (मुक्तक)
इधर की बात होती है, उधर की बात होती है।
अगर होती नहीं तो बस, यहाँ पर बात रोटी की।
चलो मैं मान लेता हूँ, उदर की जात होती है।
मगर यह भी बताओ तो, कि क्या है जात रोटी की।
रणवीर सिंह 'अनुपम'
04.01.2020
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